( चाणक्य नीति सप्तम अध्याय , Chanakya niti chapter 7th , chanakya niti adhyay 7 , chanakya niti bhag 7 )
Quote 1:- एक बुद्धिमान व्यक्ति को निम्नलिखित बातें किसी को नही बतानी चाहिए – (1) की उसकी दौलत खो चुकी है (2) उसे क्रोध आ गया है (3) उसकी पत्नी ने जो गलत व्यवहार किया (4) लोगो ने जो उसे गलियां दी (5) वह किस प्रकार बेइज्जत हुआ !
Quote 2:- जो व्यक्ति आर्थिक व्यवहार करने में , ज्ञान अर्जन करने में , खाने में और काम धंधा करने में नही शर्माता है वह सुखी हो जाता है !
Quote 3:- जो सुख और शान्ति का अनुभव स्वरुप ज्ञान को प्राप्त करने से होता है , वैसा अनुभव जो लोभी लोग धन की लालच में इधर उधर भटकते रहते है उन्हें कभी भी नही होता पाता है !
Quote 4:- व्यक्ति नीचे दी हुई तीन चीजो से संतुष्ट रहे – (1)खुद की पत्नी ! (2)वह भोजन जो विधाता ने प्रदान किया है ! (3) उतना धन जो ईमानदारी से मिल गया हो !
Quote 5:- लेकिन तीन चीजो से संतुष्ट न रहें – (1)अभ्यास , (2)भगवान का नाम अस्मरण , (3)परोपकार !
Quote 6:- इन दो के मध्य से कभी न जाएँ – (1)दो ब्रम्हांण , (2)ब्राम्हण और उसके यज्ञ में जलने वाली अग्नि , (3)पति और पत्नी , (4)स्वामी और उसका चाकर , (5) हल और बैल !
Quote 7:- अपना पैर इनसे कभी न छूने दें – अग्नि , आध्यात्मिक गुरु , ब्राम्हण , गाय , एक कुमारिका , एक उम्र में बड़ा आदमी , एक बच्चा !
Quote 8:- हाथी से हजार गज की दूरी रखें , घोड़े से सौ की , सींघ वाले जानवर से दस की लेकिन दुष्ट व्यक्ति जहाँ हो वहां से निकल ही जाएँ !
Quote 9:- हाथी को अंकुश से नियंत्रित करें , घोड़े को थप -थपा के सींघ वाले जानवर को डंडा दिखाकर् के , और एक बदमाश को तलवार से !
Quote 10:- ब्राम्हण अच्छे भोजन से तृप्त होते है , मोर मेघ गर्जना से , साधू दूसरो की सम्पन्नता देखकर , और दुष्ट दूसरो की विपदा देखकर !
Quote 11:- एक शक्तिशाली आदमी से उसकी बात मानकर समझौता करे , एक दुष्ट का प्रतिकार करें और जिनकी शक्ति आपके शक्ति के बराबर है उनसे समझौता कठोरता या विनम्रता से करें !
Quote 12:- एक राजा की शक्ति उसके शक्तिशाली भुजाओं में है , एक ब्रम्हांण की शक्ति उसके स्वरुप ज्ञान में है , एक स्त्री की शक्ति उसकी सुन्दरता , तारुण्य और मीठे वचनों में है !
Quote 13:- अपने व्यवहार में बहुत सीधे न रहे आप यदि वन जाकर देखतें है तो पाएंगे की जो पेड़ सीधे उगे है उन्हें काट लिया जाता है और जो पेड़ आड़े और तिरछे है उन्हें छोड़ दिया जाता है !
Quote 14:- हंस वहां रहता है जहाँ पानी होता है पानी सूखने पर वो उस जगह को छोड़ देते है आप किसी के साथ इतना गहरा व्यव्हार न बनाएं की वह व्यक्ति या परिस्थिति आपके प्रतिकूल हो जाने पर आप उसको त्याग न पायें !
Quote 15:- संचित धन खर्च करने से बढ़ता है उसी प्रकार जैसे ताजा जल जो अभी आया है बचता है यदि पुराने जल को निकलकर बाहर किया जाये !
Quote 16:- वह व्यक्ति जिसके पास धन है उसके पास मित्र है और सम्बन्धी भी बहुत होतें है वही इस दुनिया में टिक पाता है और उसको इज्जत मिलती है !
Quote 17:- स्वर्ग में निवास करने वाले देवता लोगो में और धरती पर निवाश करने वाले लोगो में कुछ समान गुण पाया जाता है – (1)परोपकार (2)मीठे वचन (3)भगवान की आराधना !
Quote 18:- नरक में निवास करने वालो में और धरती पर निवाश करने वालो में कुछ समान गुण पाया जाता है – (1)अत्यधिक क्रोध (2)कठोर वचन (3)अपने ही संबंधियों से शत्रुता !
Quote 19:- यदि आप शेर की गुफा में जाते है तो आप को हाथी के माथे का मणि मिल सकता है लेकिन यदि आप लोमड़ी जहां रहती है वहीं जाते है तो बछड़े की पूँछ और गधे की हड्डी के आलावा और कुछ नही मिल सकता !
Quote 20:- एक अनपढ़ आदमी की जिंदगी किसी कुत्ते की पूंछ की तरह बेकार है उससे न उसकी इज्जत ही ढक पाती है और न ही कीड़े और मखियों को भागने के काम आती है !
Quote 21:- यदि आप दिव्यता चाहते है तो आपको वाचा , मन और इद्रियों में शुद्धता होनी चाहिए उसी प्रकार आपके ह्रदय में करुणा होनी चाहिए !
Quote 22:- जिस प्रकार एक फूल में खुशबू है तिल में तेल है , लकड़ी में अग्नि है , गन्ने में गुण है उसी प्रकार यदि आप देखते है तो हर भक्ति में परमात्मा है
( दोस्तों यह चाणक्य नीति का सातवाँ अध्याय आपको कैसा लगा आप नीचे comment section में हमें जरूर बताएं और चाणक्य नीति का सम्पूर्ण अध्याय हमारी वेबसाईट www.growhelth.com पर उपलब्ध है , लेख के नीचे अन्य सभी अध्यायों का लिंक दिया गया है उसे जरूर पढ़िए धन्यवाद ! )
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